इतिहास
show vanshavali
किशनगढ़ रेनवाल गाँव का इतिहास
किशनगढ़ रेनवाल राजस्थान के जयपुर जिले की एक तहसील है। यह लगभग दो लाख आबादी वाला बहुत बड़ा कस्बा व तहसील मुख्यालय है जो कि जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके उत्तर पश्चिम में सीकर और दक्षिण में नागौर जिले की सीमा लगती है। इस शहर के पूर्व में मूँडियागढ़, डूंगरी, बांसडी, रलावता, उत्तर पूर्व में बधाल, उत्तर में पचार, उत्तर पश्चिम में श्यामपुरा, पश्चिम में कुली, खत्रियावास, दक्षिण पश्चिम में कल्याणपुरा, मूण्डली, बालियावास, दक्षिण में प्रताप पुरा और मिंडी गाँव की सीमा लगती है। तहसील मुख्यालय व मुख्य कस्बा होने के कारण इन सब सीमावर्ती गाँवों से पक्की सड़क से संपर्क है। इस कस्बे का कुल क्षेत्रफल लगभग 340 वर्ग किलोमीटर है। कस्बे की कुल आबादी लगभग दो लाख लोगों की है जिसमें से लुहाच गौत्र के लगभग 25 लोग रहते हैं। लुहाच गौत्र के लोगों के पास 20 एकड़ जमीन है। इस कस्बे में 85 स्कूल हैं जिसमें से 55 सरकारी और 30 गैर सरकारी हैं। इसके अलावा 1 सरकारी अस्पताल, 20 गैर सरकारी अस्पताल, 1 पशु अस्पताल, 15 अंगनबाड़ी केंद्र,50 मंदिर व 5 मस्जिद है। हिन्दू मत के मानने वालों के अतिरिक्त मुसलमान मत का अनुसरण करने वाली आबादी भी है। कस्बे का सम्पूर्ण रकबा समतल है लेकिन नहर के अभाव में बरानी है। जमीनी पानी मीठा होने के कारण ट्यूबवेल से माइक्रो इरीगेसन प्रणाली के तहत पूरे इलाके की सिचाई होती है। आबादी और पशुओं के लिए शहर में जगह जगह जल घर बने हुए हैं जहां से पानी की आपूर्ति होती है।इस कस्बे में लुहाच गौत्र का पहला परिवार नागौर जिले के भींवपुरा गाँव जो कि 1992 ईस्वी से पहले मिंडा गाँव की ठिकरिया की ढाणी नाम से जाना जाता था से लगभग 1900 ईस्वी में आया था। भींवपुरा गाँव की वंशावली के अनुसार पीढ़ी संख्या 37 के हेमा राम का एक बेटा पदमा राम हुआ। पदमा राम लगभग 1900 ईस्वी में सपरिवार किशनगढ़ आकर बस गया तब से अब तक इस कस्बे में लुहाच परिवार की 4 वीं पीढ़ी चल रही है।